हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुई एक जवान के बलिदान के परिवार से मिलकर उन्हें ₹50 लाख की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की घोषणा की। मेजर आशीष धोंचक ने 13 सितंबर को आतंकवादियों के साथ हुए एक गनफाइट में अपनी जान गंवाई थी।
मुख्यमंत्री खट्टर ने पानीपत में आशीष के परिवार से मुलाकात की और उनके साथ वक्त बिताया। उन्होंने परिवार को गले से लगाया और सरकार से पूरी समर्थन देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार उनकी याद को सदा के लिए जिंदा रखने के लिए भी कदम उठाएगी।
मेजर आशीष धोंचक, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के अधिकारी थे, और वे जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक आतंकी हमले में अपनी जान दे बैठे। इस हमले में उनके साथ कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमयूं मुजामिल भट भी अपनी जान गंवा दी थी।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते समय कहा, “मेजर आशीष धोंचक ने अपने देश के लिए वीरता और समर्पण का प्रतीक साबित किया। हम सभी उनके परिवार के साथ हैं और हम उनके याद को सदा जिंदा रखेंगे।”
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को भी उनकी श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को उनके बलिदान के लिए सम्बोधित किया।
मेजर आशीष धोंचक के परिवार ने खट्टर के साथ मिलकर अपने दुख को साझा किया और सरकार से मदद की अपील की थी। उन्होंने खट्टर से अपनी जरूरतों के बारे में बात की और उनकी अवस्था को समझाया।
मुख्यमंत्री खट्टर ने इस मौके पर यह भी दिखाया कि सरकार उनके साथ है और वह अपने जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है।
खट्टर ने यह भी बताया कि सरकार विचार कर रही है कि कैसे मेजर आशीष के याद को समर्पित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि कैसे हम मेजर आशीष के योगदान को समझते हैं और उनकी याद को जिंदा रखते हैं।”
मेजर आशीष धोंचक के बलिदान ने उनके परिवार को बड़ी मात्रा में दुख दिलाया है, और सरकार ने उनके परिवार को हर प्रकार की मदद प्रदान करने का आलंब लिया है।
इस दुखद घड़ी में, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी मेजर आशीष के परिवार के साथ खड़ा होकर उनकी श्रद्धांजलि दी और उनकी बहादुरी को सराहा। उन्होंने कहा, “मेजर आशीष ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा के लिए लड़ा था। हम सभी उनके बलिदान को सराहते हैं और उनके परिवार के साथ हैं।”
मेजर आशीष धोंचक के परिवार के अब यह सवाल नहीं रहा कि सरकार क्या कदम उठाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री का एक्शन प्लान पहले ही घोषित हो चुका है। उन्होंने सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जो आशीष के परिवार को उनके बलिदान के लिए मिलेगी।
मेजर आशीष धोंचक की मौत के बाद, उनके परिवार को उनके योगदान के लिए जनसमर्थन भी मिला है। लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके बलिदान को सराहा और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ते समय जवानों की बलिदान की मूल्यवान यादें बन जाती हैं, और मेजर आशीष धोंचक ने भी वैसी ही यादें बनाईं हैं। उनका नाम और उनकी बहादुरी देशवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
मेजर आशीष धोंचक का संघर्ष उनके परिवार के लिए एक अत्यंत कठिनाई भरा है, लेकिन सरकार ने उनके परिवार को हर संभव मदद प्रदान करने का आलंब लिया है। इस मौके पर, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी मेजर आशीष के परिवार के साथ खड़ा होकर उनकी श्रद्धांजलि दी और उनकी बहादुरी को सराहा। उन्होंने कहा, “मेजर आशीष ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा के लिए लड़ा था। हम सभी उनके बलिदान को सराहते हैं और उनके परिवार के साथ हैं।”
मेजर आशीष धोंचक के परिवार के अब यह सवाल नहीं रहा कि सरकार क्या कदम उठाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री का एक्शन प्लान पहले ही घोषित हो चुका है। उन्होंने सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जो आशीष के परिवार को उनके बलिदान के लिए मिलेगी।
मेजर आशीष धोंचक की मौत के बाद, उनके परिवार को उनके योगदान के लिए जनसमर्थन भी मिला है। लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके बलिदान को सराहा और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ते समय जवानों की बलिदान की मूल्यवान यादें बन जाती हैं, और मेजर आशीष धोंचक ने भी वैसी ही यादें बनाईं हैं। उनका नाम और उनकी बहादुरी देशवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।