सरकार के 10 बीएचपी श्रेणी तक के कृषि विद्युत कनेक्शन की जगह सोलर सिस्टम कनेक्शन जारी करने का निर्णय ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। अब 4 साल के इंतजार के बाद किसानों को विद्युत की बजाय सोलर कनेक्शन का विकल्प चुनना पड़ेगा।उनका कहना है कि सोलर कनेक्शन लेने के लिए रुपये नहीं है। डेढ़ लाख में कनेक्शन मिल रहे हैं। साथ ही गहरे पानी के लिए सोलर कनेक्शन कारगर नहीं हो रहा है। इससे किसानों की जेब पर भार बढ़ेगा। कनेक्शन लेने पर किसान कर्जदार होंगे।
सोलर सिस्टम कनेक्शन डीआरडीए के माध्यम से दिए जाते हैं, जिसकी वजह से किसान दोनों जगह चक्कर काटने को मजबूर हैं।अब निगम की तरफ से किसानों को ऑनलाइन विकल्प चुनने के लिए कहा गया है, जिसके लिए उनको कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना पड़ेगा। किसानों का कहना है कि चार साल से बिजली के कनेक्शन लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं, परंतु अब बिजली निगम ने सोलर लगवाने का नया फरमान जारी कर दिया, जिससे किसान कर्जदार हो जाएंगे।
वर्ष 2019 से 21 तक के कनेक्शन किए जाएंगे जारी
कृषि विद्युत कनेक्शन की जगह सोलर सिस्टम कनेक्शन जारी करने का निर्णय के बाद बिजली निगम की तरफ से इससे पहले वर्ष 2014 से 2018 तक कनेक्शन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जारी किए गए थे। अब निगम ने जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2021 तक आवेदन करने वाले किसानों को कनेक्शन जारी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिले में 3736 किसानों ने आवेदन किए थे। पिछली योजना में सरकार की तरफ से सभी लोड श्रेणी वाले किसानों को विद्युत कनेक्शन दिए गए थे।
इस बार इसमें परिवर्तन करते हुए 10 बीएचपी तक के कनेक्शन इलेक्ट्रिक की बजाय सोलर कनेक्शन देने का निर्णय किया है। ऐसे में अब 10 बीएचपी तक कनेक्शन लेने वाले किसानों को निगम की तरफ से यह डाटा ऑनलाइन हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) को भेज दिया गया है।
हरेडा की तरफ से पीएम कुसुम योजना के तहत इन किसानों को सोलर पंप सेट उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके लिए उनको इसके ऑनलाइन माध्यम से विकल्प देना होगाहैरत की बात यह है कि इस श्रेणी में आने वाले किसानों की संख्या 2706 है। इसके बाद भी प्रशासन के माध्यम से यह नहीं बताया गया है कि किसानों को इसके लिए कहां संपर्क करना होगा।
किसानों के लिए इंतजार लंबा
हरेडा की तरफ से औसतन हर साल पीएम कुसुम योजना के तहत लगभग 1500 से अधिक किसानों को पंप सेट के लिए सोलर कनेक्शन दिया जाता है। वहीं, अभी निगम के माध्यम से आवेदकों की संख्या ही 2706 है। ऐसे में एक वित्तीय वर्ष में सभी किसानों को पंपसेट कनेक्शन मिलना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
इसके अलावा किसानों को इसके लिए तय राशि जमा करानी होगी, फिर इसकी सब्सिडी जारी की जाएगी। ऐसे में किसानों के लिए यह पूरी प्रक्रिया ही बेहद जटिल होने के साथ उनके लिए कनेक्शन का इंतजार बढ़ाने वाली हो गई है। वहीं मुख्यत: जिला के बावल और खोल, नाहड़ एरिया में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे होने से किसानों में इसको लेकर कारगर होने का संशय भी बना हुआ है।