Thursday, September 28, 2023
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Rewari News: पहली वृक्षगणना से सामने आई खुशखबरी, एक दशक में बढ़कर 63 वर्ग किलोमीटर हुआ रेवाड़ी में वन आवरण क्षेत्र

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हरियाणा वर्तमान समय में देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते हुए राज्यों में से एक है जहां सभी क्षेत्रों में काफी तेजी से औद्योगिकरण और विकास हो रहा है। जब भी किसी शहर में औद्योगीकरण और विकास होता है तो सामान्य तौर पर वन आवरण क्षेत्र करता है जो पर्यावरण की दृष्टि से बुरा माना जाता है परंतु हाल ही प्रदेश सरकार के पहली बार करवाई गई वृक्ष गणना के बाद यह पता लगा की जिले में वन आवरण क्षेत्र बढ़ रहा है और यह पिछले एक दशक में बढ़कर 63 वर्ग किलोमीटर हो गया है।

साल 2021 के आकड़ो के अनुसार जिले के कुल 1594 वर्ग किलोमीटर भौगोलिक क्षेत्र में से 3.96 प्रतिशत अर्थात 63 वर्ग किलोमीटर है। अगर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट की माने तो जिले में एक दशक में करीब 10 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र बढ़ा है। एक दशक के अंतराल में जारी की गयी रिपोर्ट्स के अनुसार बात की जाये तो एक दशक में यह वन आवरण क्षेत्र बढ़कर करीब करीब 63 वर्ग किलोमीटर हो गया है और यह शहर में तेजी से हो रहे उद्योगीकरण के बिच एक राहत देने वाली खबर मानी जा रही है।

गैर वानमिकी कार्य प्रतिबंधित करके अरावली को किया गया सुरक्षित

रेवाड़ी के वन मंडल अधिकारी सुन्दर सांभरिया के द्वारा बताया गया है की रेवाड़ी जिले में मौजूद 8852 एकड़ भूमि को हरियाणा की राज्य सरकार के द्वारा सुरक्षित किया गया है। राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को वन क्षेत्र अधिसूचित करके भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतगर्त रखरखाव के लिए सुरक्षित कर दिया है। पहले प्रत्यक्ष तौर पर अधिनियम में ना होने के कारण वन की सुरक्षा और संवर्धन में समस्या आती थी परन्तु अब यह सटीक रूप से हो पायेगा। सरल भाषा में कहा जाये तो वनो में गैर वाङ्मयकी कार्य प्रतिबंधित कर दिए गए है।

5 लाख पौधे लगाकर बढ़ाई जाएगी जिले की हरियाली

वर्तमान समय में वनो के अलावा अर्थात वनो के बाहर भी रेवाड़ी जिले में 20 लाख से अधिक वृक्ष मौजूद है जो गांव, शहरों, सड़को, घरो और पार्क आदि में मौजूद है। इन वृक्षों की संख्या को भी बढ़ाने के लिए भी राडी जिले का वन विभाग तत्पर है जिसके चलते 5 लाख पौधे तैयार किये गए है। इन पौधों को वन विभाग खुद तो जिले में लगाएगा ही सही लेकिन साथ में इन पौधों का स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी वितरण किया जायेगा और साथ ही आम लोगो को भी इन पौधों को वितरित किया जाएगा जिससे की वह पर्यावरण को लेकर सचेत हो सके।

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