Sunday, September 24, 2023
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हरियाणा खरीफ प्रयाप्ति सीजन के लिए तैयार हो रहा है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री जेपी डलाल ने हरियाणा सरकार को खरीफ प्रयाप्ति सीजन के लिए तैयार होने की घोषणा की है। यह सीजन बढ़ती उपज और किसानों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का मौका प्रदान करता है। आधिकारिक प्रयाप्ति की तारीख 1 अक्टूबर को है, लेकिन राज्य ने केंद्र से अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया की शुरुआत 20 सितंबर से करने के लिए अनुरोध किया है।

आज के मीडिया कार्यक्रम में, डलाल ने यह भरपूर आश्वासन दिया कि केंद्र से मंजूरी जल्द ही प्राप्त होगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि खरीफ प्रयाप्ति सीजन में किसानों की उपज को खरीदने के लिए केंद्र से अनुमति की आवश्यकता होती है, और इससे किसानों को सुविधा प्राप्त होती है।

कृषि मंत्री ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार वहीं किसानों का समर्थन करेगी जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं। यह योजना किसानों को अपनी उपज के खिलाफ होने वाली हानि से बचाती है और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।

डलाल ने बताया कि हरियाणा में बीमा कंपनियों के लिए तीन क्लस्टर्स हैं, जिनमें बीमा कार्य संचालित होता है। क्लस्टर 1 में, बीमा कार्य को कृषि बीमा कंपनी को सौंपा गया है, जो किसानों की उपज की हानि से बचाने के लिए सहायक होती है। क्लस्टर 2 को भी उसी कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन एक कोर्ट मामले के कारण, कंपनी ने इस क्लस्टर में काम करने से मना कर दिया।

हरियाणा खरीफ प्रयाप्ति सीजन के लिए तैयार हो रहा है।

किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए, सरकार ने अब तय किया है कि क्लस्टर 2 में जो किसानों ने प्रीमियम राशि दी है, और यदि कंपनी बीमा प्रदान नहीं करती है, तो कृषि विभाग उन्हें बीमा करेगा। प्रीमियम राशि में कोई परिवर्तन नहीं होगा, और किसानों को इस बदलाव का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

डलाल ने उर्वरक उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि राज्य में इसकी कमी नहीं होगी। सरकार ने उर्वरकों की प्राचुर्य उपलब्ध कराने के उपायों को निश्चित करने के उपायों को अपनाया है, और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक मिलें। डलाल ने बताया कि हाल ही में यूनियन केमिकल्स और उर्वरक मंत्री मनसुख मंदविया की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें उर्वरकों की उपलब्धता के संबंध में चर्चा की गई थी।

मिलेट्स की मूल्य निर्धारण से संबंधित मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि बाजार मूल्य वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के नीचे हैं। इससे किसानों को कम आय प्राप्त हो रही है, और इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यदि अनुकूल बाजार स्थितियाँ बरकरार रहीं, तो सरकार या तो किसानों को भवांतर भरपाई योजना के तहत मुआवजा देगी, जिससे उन्हें उनकी नुकसान की मार से बचाया जा सकेगा।

इसके अलावा, सरकार MSP पर सीधी प्रयाप्ति की शुरुआत भी कर सकती है, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसानों की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।

इस समय, कुछ मिलेट्स की बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे हैं, जिससे किसानों की मुनाफा कम हो रहा है। इसके बावजूद, सरकार कदम उठा रही है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके। इसके लिए, वे या तो भवांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा देंगे, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा, या फिर MSP पर सीधी प्रयाप्ति करेंगे, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की हितों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे यह कदम देश के किसानों को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने का एक प्रमुख उपाय है। उन्होंने यह भी जताया कि सरकार कदम उठा रही है ताकि किसानों को उनकी उपज की मांग के हिसाब से उर्वरक प्राप्त हो सके, ताकि उन्हें उचित और समय पर उर्वरक मिल सके।

इस साल के खरीफ प्रयाप्ति सीजन के लिए, हरियाणा सरकार ने उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के साथ किसानों की मदद करने का आलंब बढ़ाया है। किसानों के लिए यह एक सुखद खबर हो सकती है, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकती है और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकता है।

डलाल मंत्री की यह घोषणा खरीफ प्रयाप्ति सीजन के आगमन के साथ ही आती है, जिसमें हरियाणा के किसान अपनी मेहनत और कठिनाइयों के बावजूद उपज की प्राप्ति के लिए मेहनत करते हैं। इससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिल सकती है, और वे अपने परिवारों की जरूरियों को पूरा कर सकते हैं।

इसके अलावा, डलाल मंत्री ने किसानों के सुरक्षा के लिए खरीफ प्रयाप्ति सीजन के दौरान बीमा कवरेज की भी जगह दी है। इससे किसानों को उनकी उपज के लिए खतरों से बचाने का एक और उपाय मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री जेपी डलाल का इस सीजन के खरीफ प्रयाप्ति को लेकर यह आदान-प्रदान किसान समुदाय के लिए एक बड़ी खबर है। यह उनकी मेहनत का सच्चा मान्यवर होता है और उन्हें उनके संघर्षों के लिए समर्थन मिलता है।

इससे साबित होता है कि हरियाणा सरकार किसानों के बेहतर हित के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखते हैं। खरीफ प्रयाप्ति सीजन के आगमन के साथ, किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का यह संकेत है कि उनके प्रयासों की मान्यता की जाती है और उन्हें उनके कठिनाइयों का सामर्थ्य से सामना करने के लिए साहसिक बनाया गया है।

कुल मिलाकर, हरियाणा सरकार के इन कदमों से किसानों को साहस और समर्थन का एक शानदार प्रमाण मिलता है, और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। खरीफ प्रयाप्ति सीजन के आगमन के साथ, हरियाणा के किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलने की आशा है, और उन्हें उनके परिवारों की जरूरियों को पूरा करने का सामर्थ्य हो।

इसके साथ ही, खरीफ प्रयाप्ति सीजन के दौरान किसानों को बीमा कवरेज की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। कृषि मंत्री ने बताया कि हरियाणा में बीमा कंपनियों के लिए तीन क्लस्टर्स हैं, जिनमें बीमा कार्य संचालित होता है, और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक मिले।

इस साथ ही, डलाल मंत्री ने खादी की उपलब्धता के बारे में विवरण दिया और कहा कि राज्य में कोई कमी नहीं होगी। सरकार ने खादी की प्राचुर्य उपलब्ध कराने के उपायों को निश्चित करने के उपायों को अपनाया है, और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार खादी मिले।

डलाल मंत्री ने यह भी जताया कि हाल ही में यूनियन केमिकल्स और खादी मंत्री मनसुख मंदविया की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खादी की उपलब्धता के संबंध में एक बैठक हुई थी, जिसमें खादी की उपलब्धता के संबंध में चर्चा की गई थी। इससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलने की आशा है, और उन्हें उनके परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने का सामर्थ्य हो।

मिलेट्स की मूल्य निर्धारण से संबंधित मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि बाजार मूल्य वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के नीचे हैं। इससे किसानों को कम आय प्राप्त हो रही है, और इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यदि अनुकूल बाजार स्थितियाँ बरकरार रहीं, तो सरकार या तो किसानों को भवांतर भरपाई योजना के तहत मुआवजा देगी, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा, या फिर MSP पर सीधी प्रयाप्ति करेंगे, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा।

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की हितों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे यह कदम देश के किसानों को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने का एक प्रमुख उपाय है। उन्होंने यह भी जताया कि सरकार कदम उठा रही है ताकि किसानों को उनकी उपज की मांग के हिसाब से खादी मिले, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सके।

इसके साथ ही, सरकार ने MSP पर सीधी प्रयाप्ति की शुरुआत भी कर सकती है, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसानों की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।

इस समय, कुछ मिलेट्स की बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि बाजार मूल्य वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के नीचे हैं। इससे किसानों को कम आय प्राप्त हो रही है, और इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यदि अनुकूल बाजार स्थितियाँ बरकरार रहीं, तो सरकार या तो किसानों को भवांतर भरपाई योजना के तहत मुआवजा देगी, जिससे उन्हें न्यूॉट्रिशनल सुरक्षा बनाने के लिए पर्याप्त मूल्य मिल सके, या फिर MSP पर सीधी प्रयाप्ति करेगी, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की हितों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे यह कदम देश के किसानों को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने का एक प्रमुख उपाय है। उन्होंने यह भी जताया कि सरकार कदम उठा रही है ताकि किसानों को उनकी उपज की मांग के हिसाब से खादी मिले, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सके।

इससे साबित होता है कि हरियाणा सरकार के इन कदमों से किसानों को साहस और समर्थन का एक शानदार प्रमाण मिलता है, और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। खरीफ प्रयाप्ति सीजन के आगमन के साथ, किसानों को उनकी मेहनत का सच्चा मान्यवर होता है और उन्हें उनके संघर्षों के लिए समर्थन मिलता है।

कुल मिलाकर, हरियाणा सरकार के इन कदमों से किसानों को साहस और समर्थन का एक शानदार प्रमाण मिलता है, और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। खरीफ प्रयाप्ति सीजन के आगमन के साथ, हरियाणा के किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलने की आशा है, और उन्हें उनके परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने का सामर्थ्य हो।

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