Wednesday, September 27, 2023
Homeजॉबमेहमान शिक्षकों का हरियाणा में प्रदर्शन, स्थायी नौकरियों की मांग करते हैं।

मेहमान शिक्षकों का हरियाणा में प्रदर्शन, स्थायी नौकरियों की मांग करते हैं।

प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का प्रदर्शन जिले में जोरदार हलचल मचा दिया है। इन शिक्षकों का मुख्य आदर्श एक स्थायी रोजगार की मांग है, जिसका उन्होंने बड़े अधिकारिक ढंग से अभिवादन किया है। उन्होंने आज दिन शहर के सीएम कैंप ऑफिस की ओर मार्च किया, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद, उन्होंने वहीं धरना प्रदर्शन किया और इसमें वे निरंतर बने रहे।

प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का यह प्रदर्शन सरकार के खिलाफ उनकी मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है। इन शिक्षकों का कहना है कि वे अपने काम को लेकर बहुत समय से संतुष्ट नहीं हैं, और इसलिए वे सरकार से अपनी मांग को पूरा करने की जरूरत महसूस कर रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने उनके मार्च को रोका और इस पर धरना देने के फैसले को लेकर उन्होंने कदम नहीं पीछे लिया। उन्होंने अपनी मांग को लेकर सीएम और विभाग के अधिकारियों से मिलने की भी दृढ़ इच्छा जताई।

मेहमान शिक्षकों का हरियाणा में प्रदर्शन, स्थायी नौकरियों की मांग करते हैं।
Teachers protest in
Haryana

करनाल विधानसभा सेगमेंट के सीएम के प्रतिनिधि, संजय बतला, वहां पहुंचे और उन्होंने प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने शिक्षकों के साथ एक संवाद करने की कोशिश की और उन्हें उनकी मांगों के बारे में सुनने का आश्वासन दिया।

प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों के अनुसार, संजय बतला ने सीएम और विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की गारंटी दी है। इस मीटिंग के दौरान, जिनमें प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों ने अपनी मांगों को बेहद सुस्ती से प्रस्तुत किया, वे शिक्षक ने बतला को एक मेमोरेंडम भी सौंपा।

प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों ने इस प्रदर्शन में बतला सरकार को एक भरोसा दिया है, लेकिन वे यह भी नहीं छोड़ रहे हैं कि अगर उन्हें तुरंत सीएम से मिलने का समय नहीं दिया गया तो वे अपने प्रदर्शन को और भी बढ़ा देंगे। प्रदीप बटान, प्राइमरी गेस्ट टीचर एसोसिएशन के राज्य प्रेसिडेंट, ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 में दी गई वादा पूरा नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि लगभग 14,000 शिक्षक, जिनमें 5,000 प्राइमरी शिक्षक शामिल हैं, पिछले 16 सालों से राज्य के विभिन्न स्कूलों में गेस्ट शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक स्थायी शिक्षकों की स्थिति का इंतजार है।

प्रदीप बटान ने कहा, “हम अगर जल्दी ही सीएम के साथ मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता है, तो हम अपने प्रदर्शन को और भी बढ़ा देंगे।” वहीं, एसोसिएशन के राज्य प्रवक्ता नरिंदर संधू ने सरकार से मांग की है कि गेस्ट शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित करना चाहिए।

संधू ने कहा, “सरकार को स्थानांतरण ड्राइव नीति में संशोधन करना चाहिए और प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित कर देना चाहिए।” उन्होंने इसकी वजह से बताई कि कई शिक्षक अपने परिवारों से दूर नौकरी करने के लिए मजबूर हैं, और उन्हें अपने गृह जिलों में स्थानांतरित होने का हक है।

इसके अलावा, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों ने यह भी मांग की है कि सरकार उनके वेतन को बढ़ाने के लिए कदम उठाए, ताकि वे अपने परिवारों का पालन-पोषण कर सकें। उन्होंने इसका उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी अपनी आलोचना की और इस बारे में सरकार से सख्त कदम उठाने की बात कही।

प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का कहना है कि वे सरकार से न्यायपूर्ण और समय-समय पर स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं, जिसका पूरा होना उनके अधिकारों की प्रतिष्ठा का सबूत होगा। वे यह भी कह रहे हैं कि वे शिक्षा क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रशंसा पाने के बजाय अब सरकार से अपने अधिकारों की मांग में जुटे हैं, क्योंकि वे विश्वास करते हैं कि शिक्षकों को समान और न्यायसंगत वेतन प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

यह प्रदर्शन गेस्ट शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण दौरा है, जो अपने अधिकारों की सुरक्षा और अपने आने वाले कार्यकाल में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए लड़ रहे हैं। उन्हें आशा है कि सरकार उनकी मांगों को सुनेगी और उन्हें उनके योगदान का मूल्य देगी।

इसके साथ ही, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का यह प्रदर्शन भी शिक्षा क्षेत्र की मांगों को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि शिक्षा के क्षेत्र में न्यायसंगत और समर्थ शिक्षकों की जरूरत है, और उन्हें समर्थन और सुरक्षा की आवश्यकता है ताकि वे बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें।

इस प्रदर्शन के माध्यम से, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों ने अपनी आवाज को बुलंद किया है और उन्होंने सरकार से अपने अधिकारों की प्रतिष्ठा की मांग की है। यह एक बड़ा संदेश है कि शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं और वे अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने अधिकारों का सही तरीके से उपयोग करेंगे।

इसके साथ ही, यह प्रदर्शन भी सरकार को याद दिलाता है कि शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों की मांगों को सुनना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह सबको याद दिलाता है कि शिक्षकों का योगदान समाज के विकास में महत्वपूर्ण है और उन्हें समर्थन और सम्मान का हक है।

आखिरकार, इस प्रदर्शन ने दिखाया है कि शिक्षकों का जज्बा और आवाज उनके अधिकारों की प्रतिष्ठा के लिए हो सकते हैं, और वे अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार के साथ साक्षर बनने के लिए तैयार हैं।

इस प्रकार, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का प्रदर्शन हरियाणा में एक महत्वपूर्ण समस्या को उजागर करता है और सरकार को उनके मांगों का सम्मान करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों के लिए उनके अधिकारों की सुरक्षा और समर्थ शिक्षा प्रदान करने के लिए लिए गए है। उन्हें उनके योगदान की मूल्य समझने का समय आ गया है और सरकार को उनकी मांगों का ख्याल रखना होगा।

इस प्रदर्शन के माध्यम से, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों ने अपने अधिकारों की प्रतिष्ठा की मांग कियी है, और उन्होंने समाज को यह संदेश दिया है कि शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों के योगदान को महत्वपूर्ण स्थान पर रखना होगा। उन्हें समर्थन और सम्मान का हक है, और सरकार को उनकी मांगों को सुनने और समर्थन देने की जरूरत है।

इसके साथ ही, यह प्रदर्शन भी यह दिखाता है कि शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए तैयार हैं और वे अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार के साथ साक्षर बनने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं।

इस प्रकार, प्राइमरी गेस्ट शिक्षकों का प्रदर्शन हरियाणा में एक महत्वपूर्ण समस्या को उजागर करता है और सरकार को उनके मांगों का सम्मान करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों के लिए उनके अधिकारों की सुरक्षा और समर्थ शिक्षा प्रदान करने के लिए लिए गए है। उन्हें उनके योगदान की मूल्य समझने का समय आ गया है और सरकार को उनकी मांगों का ख्याल रखना होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments